फिर मुझे देने को उलझन आ गया
कौन यह रस्ते में रहजन आ गया
क्यों अचानक फूल मुरझाने लगे
लूटने शायद वो गुलशन आ गया
आज मेरे ख्वाब फिर खतरे में हैं
दोस्त बन कर मेरा दुश्मन आ गया
माँ की ऊँगली थामे बच्चा देखकर
याद मुझ को मेरा बचपन आ गया
वांकाई बारिश हुई है ऐ 'सुधीर'
या मेरी आँखों में सावन आ गया..
बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
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