देवल देवी गुजरात के बघेल राजा कर्ण देव की लड़की, जो अपने पिता के साथ भागने में सफल रही. जबकि उसकी माँ तुर्कों के हाथ लग गई जिसे दिल्ली ले जाकर उसीकी मर्ज़ी से मुस्लिम रिवाज़ से सुल्तान अलाउद्दीन की बेगम बना दिया गया. राजा करनदेव देवगिरी में शरण लेने को मजबूर हुआ. और उसने वहां के राजकुमा शंकरदेव से अपनी पुत्री का विवाह निश्चित किया. पर विवाह वाले दिन ही उस राजबाला को दिल्ली से आई तुर्कों की सेना ने जबरन अगवा कर लिया और कड़ी सुरछा में दिल्ली में रवाना कर दिया. जहा उसे बलात मुस्लिम बनाया गया और अलाउद्दीन के लड़के खिज़ेरखान से निकाह करने पर मजबूर किया गया.
१३१६ में अलाउद्दीन की मौत के बाद हुई धन्दागर्दी में अलाउद्दीन के एक लड़के मुबारक ने अपने भाई खिज़र खान को अँधा करके खुद सुल्तान बन बैठा. हाय रे विडंबना उस राजबाला का वापस बलात्कार हुआ और उसे अर्ध पागल मुबारक के हरम में ला कर पटक दिया गया.
१२९८ में गुजरात विजय के समय मालिक काफूर की तरह ही एक और हिन्दू लड़का दिल्ली लाया गया जिसको जबरन मुस्लिम बना कर खुशरो नाम दिया गया. जिसे तुर्क सरदारों ने होमोसेक्सुअल की तरह उपयोग किया. यही लड़का अपनी योग्यता के बल पर मुबारक के शाशन में मुख्या सेनापति बना.
देवल देवी और खुशरो दोने ही गुजरात से थे, दोने ही जन्म से हिन्दू थे, दोनों का ही कोमल आयु में योंन शोषण हुआ था. दोने ही के बिच प्रेम का अंकुर फूटा और इस प्रेमकहानी के परिणाम स्वरुप खिलजी वंस का अंत हो गया. खुसरो ने एक रात मुबारक की हत्या कर दी और नश्रुद्दीन खुशरो शाह के नाम से सुल्तान बना.और देवाल्देवी के साथ विवाह किया.
उसने तख़्त से घोषणा की आज तक में जबरन मुस्लिम रहा पर में आज भी मन से हिन्दू हूँ. इसलिय में आज एक सम्राट की हेसियत से घोषणा करता हूँ की में हिन्दू हूँ. मेरी पत्नी देवल देवी जिसको बलात मुस्लिम बनाया गया वो भी मन से हिन्दू हे. और वो आज से साम्राज्य की पटरानी हे.
लगभग एक साल तक दिल्ली के तख़्त पर ये हिन्दू सम्राट और सामग्री विराजमान रहे जिनमे आगाध प्रेम था. न की सिर्फ एक दुसरे से बल्कि देश और धर्म से भी.
सुधीर जी, इसके बाद का इतिहास ज्ञात हो तो वो भी बताईयेगा|
ReplyDeleteji jarur kabhi vistar sr chrcha karunga....
ReplyDeleteji thanx sir...
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