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Monday, 18 November 2013

क्रिकेट का भगवान् या हाकी का जादूगर - सुधीर मौर्य

          चौबीस साल का शानदार क्रिकेट केरियर, अनगिनत रिकार्ड और सबसे ऊपर भक्तों(प्रशंसक) के द्वारा दिया गया भगवान् का रूतबा। यकीनन सचिन तेंदुलकर भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के हक़दार हे।                                किसी खिलाड़ी के लिए भारत रत्न का पुरस्कार अपने आप में एक बड़ी बात है  खेल जगत को ये दुर्लभ सम्मान सचिन कि वजह से ही हासिल हुआ। पर जेहन में मेजर ध्यानचंद का नाम आते ही कि सचिन को ध्यानचंद से पहले भारत रत्न का सम्मान देना न्याय संगत नहीं है।  क्रिकेट में सचिन के साथ - साथ  डान ब्रेडमेन जैसे नाम भी  है पर हाकी के खेल में ध्यानचंद सारी दुनिआ के सर्वकालिक सर्वश्रष्ठ खिलाड़ी है।   चाहे  वो हिटलर के सामने खेला गया ओलम्पिक हो या फिर अमेरिका को रौंद देने वाला तूफ़ान, ध्यानचंद हर तरह से सचिन से इक्कीस साबित होते हैं।                                                                           
             मेरे कहने का अर्थ ये कटाई नहीं कि में सचिन की उपलब्धियों को कम करके आंक रहा हूँ या उन्हें भारत रत्न देने पर ऐतराज़ जता रहा हूँ, मेरे कहने का तात्पर्य तो इतना है कि मेजर ध्यानचंद को ये सम्मान   मिलना ही चाहिए और सचिन से पहले।                                                                                                                                                                                                                                                 --सुधीर मौर्य