Friday 18 November 2011

देश चिंतन

 
                        
                                     देश चिंतन
भ्रस्ताचारी कब तक लगायंगे दाग हिंद के भाल में,
कब तक समायंगे बेगुनाह असमय काल के गाल में.
 
एक तरफ तो चीन हे एक तरफ नापकियाँ हें,
फस रहा हे देश फिर से दुश्मनों के जाल में.
 
कौन करेगा मुकाबला आब देश के आतंकियों  से,
न प्रताप में वो तड़प रही न ख़म शिवा की चाल में.
 
गाय चराना बंसी बजाने का अब कुछ हे काम नहीं,
हाथो में अब चक्र उठाओ यदुनन्दन इस साल में.   
 
सुधीर मौर्या 'सुधीर'
ग्राम & पोस्ट- गंज जलालाबाद
वाया पोस्ट- गंज मुरादाबाद
जिला - उन्नाव (उ.प.)
पिन- २४१५०२
सिच्छा- अभियांत्रिकी में डिप्लोमा, बी.ऐ, प्रबंधन में पोस्ट डिप्लोमा.
कृतियाँ - 'आह'
 
     
 

Wednesday 9 November 2011

हमराही





                                                       
ऐ हमराही
मेरी बिछड़ी राहो  के
कभी-उन राहो पे
वापस गुज़र के देख
जहाँ मेरे कदमो से
तुने-कभी
कदम मिलाये थे

राहो
के  किनारे के
पेड़ो से चुन कर 
हरसिंगार के फूल 
जब तुम-मेरी
जेब में रखा 
करते थे

मचल कर 
सुनसान होते ही 
राह-जब
पकरिया के
पेड की ओट में
तुम मेरे गले लगा
करते थे

बहते ही बसंती हवा 
जब-तुम
शोखियों के साथ
अपने सिने से
लहरा के-आँचल
मेरे कंधे पे रखा
करते थे
और मेरे देखने पर
यूं हया से
आँख नीची कर
राह को तकने 
लगते थे

ओ मेरे
बिछड़े हमराही
आ कर देख
उन राहो को
जो अब बेबसी से
निहारती हे -मुझे
जब में-अकेला
लड़खाताते कदमो से
गुज़रता हूँ -उन से

            सुधीर मौर्या 'सुधीर'
संपर्क- ग्राम और पोस्ट- गंज जलालाबाद 
           जनपद - उन्नाव (उ.प.) 
           पिन - २४१५०२   
शिक्सा - बी.ऐ, प्रबंधन में पोस्ट ग्रादुअते डिप्लोमा , अभियांत्रिकी में डिप्लोमा
जन्म-  ०१/११/१९७९ , कानपूर
मोबाइल - ९६१९४८३९६३/९६९९७८७६३४