Saturday, 11 February 2012

प्रेम की नाव

उसकी बातो में
लगने लगा हे
बहुत कुछ
बनाव इन दिनों.

किसी और की
गली से
गुजरने लगे हे
उसके पावं इन दिनों.

मागने लगा हे
कोई और
उसके जुल्फों की
छाव इन दिनों.

हाँ चर्चे हे
उसके एक और
अफएर   के
गाँव में
इन दिनों.

हो न हो
वो सवार हे
प्रेम की
दो नाव में इन दिनों.

सुधीर मौर्या 'सुधीर'
गंज जलालाबाद, उन्नाव
209869
०९६९९७८७६३४/09619483963

1 comment:

  1. सुधीर जी ,बहुत बढिया

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