
Thursday, 30 January 2014
जब नारदजी सम्मानित हुए - सुधीर मौर्य

Wednesday, 29 January 2014
पाकिस्तान में एक लड़की और जबरन अगुवा
पाकिस्तान में लड़कियों को अगुवा करके उनका जबरन धर्मान्तरण का सिलसिला बदस्तूर जारी है। रिंकल कुमारी से लेकर लिली भील तक न जाने कितनी कहानिया सामने आ चुकी हैं, जिन्हे न्याय नहीं मिला। अपहरण की हुई ये लड़कियां लौट कर कभी अपने घर नहीं आई। अपहरणकर्ता लड़कियो को जबरन उठाकर बड़ी आसानी से उन्हें इस्लाम कबूल करने को मज़बूर कर देते हैं। ऐसी ही एक कहानी 16 जनवरी को घटित हुई जब पाकिस्तान के जिला संघार - सिंध से पूजा नाम की लड़की का अपहरण करके उसका धर्मपरिवर्तन किया गया। पूजा के भाई दिलीप के अनुसार पूजा का निकाह शायद 19 जनवरी को हो गया है।
Monday, 13 January 2014
एक सशक्त केंद्रीय सत्ता मांगता है देश – सुधीर मौर्य
पिछली ८ दिसंबर को आये दिल्ली विधानसभा के नतीजो ने एक नई बहस को जन्म दे दिया। ऐसी बहस जिसमे आम आदमी पार्टी के सयोजक अरविन्द केजरीवाल एक नायक के रूप में उभरे, एक ऐसे नायक जो भ्रष्टाचार के खिलाफ दो – दो हाथ करने को तैयार हो। निश्चय ही अरविन्द केजरीवाल से अब देश की उम्मीदे जुड़ने है, ऐसी उम्मीदे जिसमे देश अपने को भ्रष्टाचार से मुक़्त करने कि सोच सके। देश को भ्रस्टाचार से मुक्त करने की रौशनी की किरण जो अरविन्द केजरीवाल ने जगाई है उसके हम दिल से आभारी हैं। भ्रष्टाचार आज की तारीख में देश के लिए सबसे बड़ा प्रश्न है पर एक यही प्रश्न तो नहीं है जो देश के सामने मुह बाये खड़ा हो।
भ्रष्टाचार के अलावा और भी कई प्रश्न है जिनके उत्तर देश मागता है, इन प्रश्नों में जो सबसे बड़ा प्रश्न है वो है की किस तरह से पडोसी दुश्मनो से देश की सरहदों, देश की ज़मीन की रक्षा की जाये।
आज हालत ये है की चीन का जब दिल चाहता है वो हमारी देश की सीमाओ में आके केम्प लगा देता है। उसकी जब मर्ज़ी है वो अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे भारतीयो राज्यो को अपना बताने है, अरुणाचल प्रदेश के लिए तो वो नत्थी वीजा जारी करता है।
सन उन्नीस सौ सैतालिस से ही हमारे कश्मीर का एक हिस्सा \’आज़ाद कश्मीर\’ के नाम पर पाकिस्तान के पास है। पाकिस्तान जब तब सीज फायर का उल्लघन करके एल ओ सी पर गोलाबारी करता रहता है। उसकी ढिठाई तो इतनी बढ़ गई है की वो हमारी सीमाओ के अंदर आकर हमारे सैनिको के सर काट ले जाता है। आज पूरी दुनिया जानती है भारत, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित है। हमारे देश में आतंक की घटनाओ को अंज़ाम देने वाले पाकिस्तान में हीरो कि तरह खुलेआम घूम रहें हैं।आज सिंध में रह रहे अल्पसंख्यक हिन्दुओ की हालत जानवरो से भी बदतर है। वहाँ की हिन्दू लड़कियों की अस्मत बड़ी आसानी से उनके ही परिवार वालो के सामने लूट ली जाती है।
बांग्लादेश भी भारत के लिए एक बड़ी समस्या बनके उभरा है। भारत में आतंकवाद के धंधे को चलने के लिए आतंकवादी संगठनो ने अब बांग्लादेश की ज़मीन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करना चालु कर दिया है। आज भारत में बांग्लादेशी घुसपैठिये टिड्डी दल कि तरह घुसते चले आ रहे है। बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन वहाँ रह रहे हिन्दुओ का ज़बरन धर्म परिवर्तन कर रहें है।वहाँ हिन्दू लड़कियों का निर्ममता से बलात्कार किया जाता है। और अब यही शर्मनाक घटनाये बांग्लादेश से आये घुसपैठिये बांग्लादेश की सीमाओ से लगे भारत के राज्यो में अंज़ाम दे रहें हैं।
इतिहास गवाह है जब – जब देश में केंद्रीय सत्ता कमज़ोर हुई है तब – तब हमारे ऊपर हमला करने वाले कामयाब हुए हैं। इतिहास में झांके तो तैमूर ने भारत में तब लूटपाट की जब निकम्मा तुग़लक़ सुलतान नसरिउदीन दिल्ली की सत्ता संभाल रहा था। बाबर ने भी पानीपत की पहली लड़ाई में कमज़ोर लोदी सुल्तान इब्राहीम को हराकर भारत में लूटपाट की थी। नादिरशाह भारत को सिर्फ इसलिए लूट सका क्योंकि मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह एक निर्बल बादशाह था। ठीक इसी तरह अब्दाली भी इसलिए कामयाब हुआ क्योंकि कायर अहमदशाह उस वक़्त भारत का बादशाह था।
इसके उलट सिकंदर, सेलूकस को भारत में इसलिए सफलता नहीं मिली क्योंकि चन्द्रगुप्त मौर्य ने मगध में सशक्त सत्ता का निर्माण किया था। चीन के शक्तशाली राज्य को धूल में मिला देने वाले भारत में इसलिए धूल में मिला दिया गए क्योंकि स्कंदगुप्त के रूप में सशक्त शासक भारत के केंद्र में मौजूद था। मंगोलो को भारत में लूटपाट करने से रोक सकने में अलउद्दीन खिलज़ी सफलता पाई थी।सशक्त मुग़ल बादशाह अकबर से लेकर औरंगज़ेब तक कोई भी विदेशी ताकत हमें लूट पाने में कामयाब नहीं हो पाई। आधुनिक भारत में भी जब – जब इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपई सशक्त सरकारे केंद्र में रही, हर बार दुश्मनो धूल चाटनी पड़ी।
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आज हमारे देश एक ऐसी सशक्त सरकार की जरुरत है जो विश्व में भारत को एक शक्तशाली देश के रूप स्थापित कर सके। जो भारत में हो रही आतंकवादी घटनाओ को रोक सके, जो देश के वीर सैनिको की शहादत को सम्मान दिल सके, उनकी हत्या का प्रतिशोध ले सके। जो अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश के रुतबे को कायम कर सके। जो हमारी ज़मीन चीन से वापस ला सके। जो पाकिस्तान में घूम रहे देश के गुनहगारो को सजा दिल सके। कौन दिला सकता है भारत को सम्मान एक सशक्त सरकार के रूप में ? एक प्रश्न ये भी है। यकीनन आज की राजनीत में सिर्फ नरेंद्र मोदी ही एक ऐसा नाम है जो भारत को आतंकवाद से सुरक्षित रख पाने में सक्षम है। नरेंद्र मोदी ही है जो बेलगाम होते चीन की लगाम कस सकते हैं। नरेंद्र मोदी ही हैं जो पाकिस्तान के नापाक इरादो को धूल में मिला सकते है। यकीनन आज देश में महगाई और भ्रष्टाचार भी बहुत बड़े मुद्दे हैं पर हमें नरेंद्र मोदी की योगयता पर पूरा विश्वास है की वो सीमाओ के बाहर और सीमाओ के अंदर के सारे मुद्दे सफलता पूर्वक हल कर सकते है और एक सशक्त और विकसित भारत का निर्माण कर सकते है।
अरविन्द केजरीवाल यकीनन एक ईमानदार व्यक्ति हैं और उनमे दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने की योगयता है, पर इस वक़्त देश के प्रधानमंत्री बनने के योग्य इस वक़्त अगर कोई है तो वो नरेंद्र मोदी है। आज हमारे पास नरेंद्र मोदी और अरविन्द केजरीवाल जैसे योग्य व्यक्ति हैं निश्चय ही अब हमारे देश का भविष्य उज्जवल है। मै उम्मीद करता हूँ कि २०१४ में देश की जनता नरेंद्र मोदी के रूप में भारत को एक सशक्त प्रधानमंत्री देगी और नरेंद्र मोदी एक खुशहाल भारत का निर्माण करेंगे।
सुधीर मौर्य
गंज जलालाबाद
जनपद – उन्नाव, २०९८६९
Roobru Duniya ke January 2014 ke ank me Prkashit
Thursday, 26 December 2013
असीरी - सुधीर मौर्या
शफक की धुप में
मे जाकर छत पर तनहा खड़ा हो गया
पड़ोस की छत पे
बाल बनाती हुई लड़की
मुस्करा दी
मैंने उसकी जानिब
जब कोई तवज्जो न दी
तो वो उतर कर
निचे चली गई
काश कुछ साल पहले
में एसा कर पाता
किसी की जुल्फों की
असीरी से खुद को बचा पाता
शायद तब
ये शफक ये शब्
मेरे तनहा न होते
या फिर वही बेवफा न होते
में- छत से उतर कर
एकांत कमरे में
तनहा बैठ गया
'हो न हो' से
सुधीर मौर्या 'सुधीर'
गंज जलालाबाद,उन्नाव-२०९८६९
०९६९९७८७६३४
Tuesday, 17 December 2013
इस्लाम आईने के सामने - सुधीर मौर्य
हर धर्म का सार तो यही होना चाहिए कि वो दूसरे के धर्म का भी भी उतना ही सम्मान करे जितना वो अपने धर्म का करता है। हम अगर कहीं राह से भी गुज़र रहे हो तो हमारा सर राह में आने वाले मंदिर, मस्ज़िद, मज़ार के आगे झुंकने में भेद नहीं करता। असल में हम इन सब जगहों पर ईश्वरीय वास होने की बात मानते है, हमारा धर्म हमें दूसरे के धर्म का सम्मान करने कि शिक्षा देता है तभी तो हम दूसरे धर्म के उपासना स्थल के आगे अपना माथा नवाते हैं। पर इस्लाम इसकी इजाजत देता है क्या? नहीं। अगर इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता इसका है कि वो दूसरे के धर्म का सम्मान करने में यकीन नहीं रखता। जो धर्म दूसरे के धर्म के सम्मान में यकीन नहीं करता वो सदभाव कैसे फैला सकता है? 'इस्लाम खतरे में है' का नारा बुलंद करके बात बात में हथियार उठा लेने वाले इस्लाम ने क्या कभी मानवता को खतरे से उबारने के लिए तलवार उठाई है। आख़िर स्वयं मुहम्मद जी ने मक्का के मंदिर की 360 मूर्तियां तोड़ीं थी ? भारत में अधिकांश मुस्लिम शासन काल में हिंदुओं के साथ ज़ुल्म हुए थे ? मंदिर ध्वस्त करने वाले और मूर्तियां तोड़ने वाले को बुत-शिकन कह कर सम्मान दिया जाता है इस्लाम में। जिस धर्म का सार यूँ हो वो मानवता की रक्षा के लिए हथियार उठा ही नहीं सकता। वो तो सिर्फ आतंक स्थापित करने के लिए तलवार उठा सकता है। कवि इक़बाल ने 'शिक़वा' और 'जवाबी शिक़वा' में इस्लाम की इन खूबियों का गर्व के साथ उल्लेख करते हैं। एक बाबरी मस्ज़िद के खंडर को गिराए जाने पर लोगो ने हाय तौबा मचाके सवाल दागे, पर कभी भी वो उन लाखो मंदिरो को गिराए जाने पर मौन साध लेते हैं जिन्हे अतताइयों ने इस्लाम के नाम पर गिराया था।
Tuesday, 3 December 2013
Saturday, 30 November 2013
पाकिस्तान में हिन्दू लड़की होना अभिशाप हो गया है - सुधीर मौर्य
दलित और आदिवासी इनकी हालत और इनकी हालत में कैसे सुधार किया जाये ये मुद्दा भारत में तो है, और बहुत से लोग इस पवित्र कार्य में लगे हुए हैं। हमें विश्वास है वो दिन दूर नहीं जब सारे भारत में दलित और आदिवासी अपने हक़ को हासिल करके समाज में बराबर के सहभागी होंगे। पर अप जानते है सरहद पार पकिस्तान में दलित और आदिवासी के उत्थान का कोई मुद्दा नहीं है। पकिस्तान के सिंध में दलित हिन्दू या सवर्ण हिन्दू होने का कोई मुद्दा नहीं है, वहाँ कोई मुद्दा है तो सिर्फ हिन्दू होना। सच कहे तो पाकिस्तान में हिन्दू होना एक अपराध है और हिन्दू लड़की के तो पाकिस्तान नरक है। हिन्दू लड़की चाहें कुआरिन हो या शादी शुदा उसकी अस्मत का कोई नहीं है, मुस्लिम जब चाहें उनका अपहरण करके उनका बलात्कार कर सकते, उनका जबरन धर्म परिवर्तन कर सकते हैं। अगर किसी लड़की ने हिम्मत दिखाके विरोध किया तो पकिस्तान कि सरकार और न्यायपालिका भी उन बलात्कारियों का साथ देती है। रिंकल कुमारी का उदहारण हैम सबके सामने है। अभी कुछ दिन पहले कल्पू कोल्ही नाम की एक शुदा दलित महिला को एपीआई जान देनी पड़ी जबकि एक लैंडलॉर्ड मोहम्मद खादिम ने उसका बलात्कार करने कि कोशिश की। किसी भी महिला कि अस्मत, इज्जत और योनि मेरी नज़र में सामान ही हैं चाहें वो दलित हो स्वर्ण हो हिन्दू, ईसाई या फिर मुस्लिम ही न हो। किसी भी औरत के साथ हुआ बलात्कार, बलात्कार ही है पर पकिस्तान में हिन्दू लड़कियों के साथ हो रहे बलात्कार और ज़बरन निकाह के मामले सिर्फ इसलिए हो रहे हैं क्योंकि वो हिन्दू हैं और उन्हें एक मुस्लिम देश में इज्जत से जीने का शायद कोई हक़ नहीं है। --सुधीर मौर्य
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