ओह बहुत बुरा हुआ। सारिका अपनी माँ के पास बैठते हुए बोली। पर इसमें कोई क्या कर सकता है। ये भाग्य तो उनका खुद का चुना हुआ है। अगर पार्टिशन के वक़्त ट्विंकल के ग्रैंड फादर इंडिया आ जाते तो ऐसा कुछ भी न होता। ये तो पकिस्तान की रोज़ की न्यूज़ हो गयी है कि हिन्दू लड़की का अपहरण करके उसे जबरन मुस्लिम लड़के के साथ व्याहा गया। बेचारी ट्विंकल भी इसी का शिकार हुई। हम पकिस्तान में कुछ नहीं कर सकते अब ट्विंकल का यही भाग्य है।
इतना कह कर सारिका उठ कर घर के बाहर चल दी। माँ के टोकने पर बोली शाम तक वापस आयेगी। माँ उसे जाते हुए देख कर सोचती रही अच्छा हुआ जो हम बटवारे के वक़्त इंडिया आ गए।
सारिका और ट्विंकल दोनों ही लगभग हम उम्र। उम्र के उस पड़ाव पर जहाँ तिफ्ली और जवानी गले मिला करती है। दोनों ही सहेलिया, पत्रों के द्वारा। कभी-कभी फ़ोन पर भी बाते हुई। रूबरू मुलाकात कभी नहीं। हाँ दोनों एक-दुसरे की सूरत तस्वीरों से पहचानती है।
भारत-पकिस्तान बटवारे से पहले सारिका के दादा और ट्विंकल के दादा सिंध के एक गाँव मीरपुर में एक ही मोहल्ले में रहते थे बटवारे की आग ने सारिका के दादा को हिला दिया और उन्होंने भारत आने का फैसला कर लिया। पर ट्विंकल के दादा ने यह कह कर मीरपुर छोड़ने से इनकार कर दिया की उनकी यंही जड़े जमी है और फिर ये उन्मादी दंगे है देर सवेर थम जायेंगे और यहाँ भी अमन बहाली हो जाएगी।
सारिका के दादा भारत में आकर महाराष्ट्र के उल्ल्हासनगर में बस गए, यंही शादी की और व्यापार जमाया। जबकि ट्विंकल के दादा कभी अभाव में तो कभी सामान्य तरीके से पकिस्तान के मीरपुर में रहते रहे। पर दोनों ही खतो से जुड़े रहे, उनके बच्चे और उनके बच्चो के बच्चे भी।
कुछ दिन पहले टिवंकल का मीरपुर स्थित उसके घर से अपहरण हो गया और उसकी शादी महमूद शाह नाम के लड़के से ट्विंकल के बिना रजामंदी के कर दी गयी।
सिंध के तमाम संगठनो और पत्रकारों के दखल से मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया पर ट्विंकल को आजाद न कराया जा सका। फ़ोन पर इन सब बातों की खबर ट्विंकल के पिता नंदलाल ने सारिका के पिता रणवीर को रो-रो कर बताई। और उन्ही बातों को जानकर सारिका ने ट्विंकल के भाग्य के लिए ट्विंकल के दादा को दोषी ठहराया।
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शाम को गार्डन में टहलते हुए जब अफरोज सारिका को एक झुरुमुट के पीछे ले गया तो वो चिहुँकते हुए बोली प्लीज अफरोज ये सब शादी के बाद।
- शादी भी कर लेंगे डियर, हुजुर बालिग़ तो हो जांए।
अफरोज सारिका के सीने से चिपकते हुए बोलता है।
- हाँ, जानेमन अब रहा नहीं जाता, अफ्रोज्ज़ सारिका के चेहरे पर गर्म सांसे छोड़ता हुआ कहता है।
- ओह अफरोज ! पर यहाँ नहीं किसी सेफ जगह।
- ओह वो सेफ जगह सारिका बेबी की नज़र में कहाँ है।
अफरोज अपने होठ सारिका के होठ से सटाते हुए कहता है।
- सारिका भी अफरोज के होठों से अपने होठ जोड़ने से पहले कहती है- सेफ जगह ढूँढना तुम्हारा काम है हनी।
फिर दोनों अलिंग्बंध हो आधुनिक लिप किस में मशगूल हो जाते है।
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टीवी सीरियल बनाने वाली कम्पनी के दफ्तर के बाहर सारिका खड़ी है। अभी-अभी उसने टीवी सीरियल में बतौर नायिका काम करने के लिए ओडीएशन दिया है। उसकी सबसे बड़ी तम्मना है की वो रुपहले परदे पर चमके। उसका औटोग्राफ लेने वालो की भीड़ उसके आगे-पीछे घुमे।
सारिका बार-बार घडी देखती है, आखिर ये अफरोज आया क्यूँ नहीं, उसे झुन्झुलाह्त होती है। वो अभी गुस्से से अपना पांव ज़मीन पर पटकती है, तभी एक, एक व्हाइट स्कोडा उसके पास आ कर रूकती है। सारिका इस गाड़ी को पहचानती है, ये अफरोज की है। विंडो खोल कर अफरोज बोलता है- इस तरह पैर मत पटको, शादी से पहले अगर लंगड़ी हो गयी तो फिर मुझे सोचना पड़ेगा।
- व्हाट डू यू मीन लंगड़ी हो गयी - सारिका बनावटी गुस्से के साथ बोली।
- ओके अब गाड़ी में तशरीफ़ ले भी आइये मैडम अफरोज दुसरे तरफ का डोर ओपन करते हुए बोला।
बाय द वे आप यहाँ क्यूँ आई थी, क्या बन्दा ये जान सकता है। अफरोज गाड़ी गियर में डालते हुए बोला।
हाँ-हाँ क्यूँ नहीं, सारिका तनिक और शोखी बढ़ाते हुए बोली। दरसल मै यहाँ सीरियल में एक्ट करने के लिए ओडीएशन देने आई थी।
ओह कौन से स्टूडियो में, अफरोज स्कोडा की स्पीड बढ़ाते हुए बोला।
- 'देवांग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड' सारिका मुंह में चुइगम डालते हुए बोली।
-ओह उसका मालिक देवांग तो मेरा दोस्त है कहो तो सैटिंग कर दूँ अफरोज ने सारिका को आँख मारते हुए कहा।
- ओह सच। सारिका के चेहरे पर जहान भर की खुशियाँ खिल उठी।
फिर देवांग से बात करके, सीरियल में सारिका का रोल फिक्स करने के बाद अफरोज अपना बांया हाथ सारिका की जांघ पर रखते हुए बोल- 'अब तो पार्टी बनती है यार।'
हाँ-हाँ जब कहो सारिका भी अपना हाथ अफरोज के हाथ पर रख के बोलती है।
फिर चलते है मेरे घर, वह आज एकदम खाली है बिलकुल सेफ। अफरोज अब सारिका की जांघ दबा कर बोलता है।
सारिका- शादी से पहले?
अफरोज- वो भी हो जाएगी यार।
अफरोज, सारिका के साथ अपने घर पहुँचता है। और सारिका इस वादे के साथ की बहुत जल्द अफरोज उससे शादी करेगा, बिस्तर पर उसे समर्पित हो जाती है।
मम्मी-पापा के लाख समझाने और विरोध के बावजूद सारिका अपनी अट्ठारवी सालगिरा पर अफरोज से कोर्ट मैरिज कर लेती है। आखिर अफरोज अपना वादा निभा रहा है। और तो और आज अफरोज की वजह से ही उसकी गिनती पब्लिक फिगर में होती है। टीवी की जानी-मानी कलाकार सारिका कपूर। और अब तो उसका ख्वाब फ़िल्मी पर्दे पर चमकने का है।
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तीन साल और तीन बच्चों की माँ। सारिका ने जब भी विरोध किया, अफरोज बोला एक बार फॅमिली पूरी हो गयी तो फिर तुम आराम से अपने प्रोफेशन में फिट हो सकती हो।
प्रोफेशन, वो तो कब का छूट गया। हमेशा प्रेग्नेंट रहने वाली लड़की को कौन काम देगा ? अफरोज का रवैया भी काफी बदल गया। गाली-गलौज और बात-बात में मार पीट। सिने तारिका बनने का सपना तो अतीत हो गया। एक अच्छी गृहणी की तरह रहना भी दुश्वार हो गया।
अफरोज का मन भी सारिका से भर गया। वो उसे जी भर कर भोग चूका था। अब उसे एक नयी कली की तलाश थी जिसे वो फूल बना सके। और उसे वो कली कोमल के रूप में मिल गयी। सिने जगत की उभरती हुई तारिका।
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वो अफरोज का ही ख़त था। कांपते हाथों और धडकते दिल के साथ सारिका ने पढ़ा-
सारिका ! तुम जानती हो अब हम साथ नहीं रह सकते। तुम्हे अपने प्रोफेशन के लिए मै आज़ाद करता हूँ। वैसे भी शरियत के एकोर्डिंग हमारी शादी जायज नहीं है, क्यूँ की तुम ने इस्लाम कबूल नहीं किया है। फिर भी कोर्ट में हमारी शादी हुई थी, सो तुम तलाक ले सकती हूँ।
अलविदा .
- अफरोज
न जाने कब तक सारिका रोती रही। इस्लाम कबूल नहीं किया। बच्चो के नाम आसिफ,वसीम और सबा है। अफरोज नाम के आदमी के साथ तीन साल से हमबिस्तरी कर रही हूँ। और इस्लाम कबूल नहीं किया।
रोते-रोते सारिका को ट्विंकल की याद आ जाती है। और ट्विंकल रैप जेहाद का शिकार हुई तो वो खुद लव जेहाद का शिकार है। पार्टीशन के बाद उसके दादा इंडिया आये, फिर भी उसका भाग्य न बदल सका। और उसकी वही दुर्गति हुई जो पकिस्तान में ट्विंकल की हुई।
सच भाग्य तो भाग्य उसमें किसी का दोष नहीं सिवाए अपने कर्मों के। सारिका अब अपने कर्मों को लेकर पछता रही है। क्यूँ की उसके भाग्य का सम्बन्ध उसके कर्मो से ही है।
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सुधीर मौर्य
ग्राम और पोस्ट - गंज जलालाबाद
जनपद - उन्नाव
२०९८६९
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