कलम से..
Gazal,Nazm,Stories & Article by Sudheer Maurya
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Monday, 18 May 2015
लम्स, देह और कमल - सुधीर मौर्य
चलो
मै
भूल
जाऊगां
नेपाल
की
वो
रात
जब
धडकते
दिल
के
साथ
मेरे
लम्स
से
तुम्हारी
देह
घोंघें
की
तरह
सिमट
गई
थी
फिर
खिल
उठी
थी
तुम
कमल
की
तरह
मेरे
होठों
की
छुअन
से
...
...
सुधीर
मौर्य
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