Sunday, 13 November 2016

पहला शुद्र (ऋगुवैदिककालीन उपन्यास) - सुधीर मौर्य

इंद्र को दिए जाने वाले हवि को प्रतिबंधित करने वाले वीर का जन्म अभी होना था। कुरुक्षेत्र में योद्धाओं का शक्ति परिक्षण में अभी सदियों का समय था। लंका पे अभी सेतु नहीं बंधा था और मेघवृत्र का वध हुए अभी कुछ ही काल बीता था। 
अनार्यो का पूर्ण न सही आंशिक दमन हो चूका था और इसके साथ ही आर्यो में कृषि, गाय और वनों के लेकर आपसी कलह आरम्भ हो गई थी। इस आपसी कलह को विश्वामित्र और वशिष्ट की पुरोहित बनने की अभिलाषा ने एक युद्ध में बदल दिया। 'दाशराज्ञ युद्ध।' इस युद्ध का महानायक था दिवोदास पुत्र सुदास। जो बाद में वशिष्ठ के कारन पतन को प्राप्त हुआ। 
सुदास, जो आर्यवर्त में राम से अधिक यश का अधिकारी था। 
--सुधीर मौर्य

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