Saturday 9 February 2013

ऐ मेरे शास्ता



Sudheer Maurya
==============

ऐ  मेरे शास्ता    
तुझे प्रणाम 
इसलिए नहीं 
की तू शास्ता है मेरा 

अपितु इसलिए 
की  तूने 
प्रकाश दिखाया है 
मेरे अँधेरे 
जीवन को          
   
सुधीर मौर्य 'सुधीर'
गंज जलालाब्द उन्नाव 
209869    

No comments:

Post a Comment