Sudheer Maurya
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कल फेसबुक पर मेरे एक दोस्त ने पूछा रिंकल का क्या हुआ, में क्या जवाब देता। शायद मेरे पास कोई जवाब था ही नहीं, सच पूछो तो पिछले दो महीनो से किसी को भी नहीं मालूम रिंकल के साथ क्या हुआ। दिवाली के अगले दिन रिंकल ने अपनी माँ को फोन पर अपनी दुर्दशा के बारे में बताया था, उसने रो - रो के कहा था वो अब और सहन नहीं कर सकती। रिंकल ने कहा अब तक उसका तीन बार गर्भपात कराया जा चूका है। सच केसी है ये विडंबना एक हँसती - खेलती मासूम सी लड़की पिछले आठ महीनो से लगातार बलात्कार का दंश झेल रही है और तथाकथित सभ्य समाज के रहनुमा कानो में तेल डाळ के बेठें है।
कैसे एक माँ ने सुना होगा की उसकी मासूम लड़की जिसका बचपन अभी तक गुजरा न था वो लगातार बलात्कार और इस के फलस्वरूप हर 2 -3 महीने बाद गर्भपात के दौर से गुज़र रही है, क्या गुजरी होगी एक माँ के दिल पे अपनी बच्ची का ये हाल उसकी ही जुबानी सुन के।यकीन उस माँ का कलेजा फट गया होगा।
हम बताते चले की पिछले साल फ़रवरी में रिंकल का उसके घर से आपहरण हो गया था और उस बेचारी का जबरन एक ठग के साथ निकाह कर दिया गया था। तब से लेकर आज तक वो उस ठग और उसके सहयोगियों की वासना पूर्ति का साधन बनी हुई है।
एक तरफ हम सभ्य होने का दम भर रहे है दूसरी तरफ एक मासूम लड़की को ठगों के चंगुल से आज़ाद नहीं करा पा रहे। जबकि भारत और अमेरिका जेसे प्रजातंत्र देशो के मुखियाओ के संतान के रूप में सिर्फ लड़कियां है फिर भी ये एक गरीब मासूम लड़की का दर्द समाज पाने में असमर्थ हैं।
रिंकल के दर्द को समाज पाना अब इतना आसान भी नहीं है वो दर्द की मूर्ति बन चुकी है। मीरपुर मेठेलो की वो हवेली जिसमे उसे जबरन (पकिस्तान सरकार की मर्ज़ी से) से कैद करके रखा गया है उस हवेली की फसील से लेके एक - एक कोना उस मासूम पर हो रहे जुल्म का गवाह है।
में इल्तिजा करता हूँ देश के रहनुमाओ( भारत, पाकिस्तान,united nation के ) से वो एकबार इस लड़की से मिले इसके दर्द को समझे और अगर उन्हें लगे ये भी उनकी बच्ची की तरह है तो कृपया इसे जुल्म की भट्टी से आज़ाद कराये और न्याय की देवी को कलंकित होने से बचा ले।
सुधीर मौर्य 'सुधीर'
गंज जलालाबाद , उन्नाव
209869
सुन्दर प्रस्तुति!
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मकरसंक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ!