Saturday, 12 January 2013

सजा दो मेरा आँगन सनम..



Sudheer Maurya 'Sudheer'
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आओ आँखों से अपनी दिखा दू तुझे 

प्रेम का हर सलीका सिखा  दूँ तुझे    
मेरे मन में है क्या ये बता दूँ तुझे 

तेरी हर एक अदा ने दीवाना किया 
पतझड़ों का भी मौसम सुहाना किया 
मेरी किस्मत जो दिलमे ठिकाना किया 

ये दमकता हुआ तेरा यौवन सनम 
ये महकता हुआ तेरा दामन सनम 
इस से सजा दो मेरा आँगन सनम  

'हो न हो' से।।
सुधीर मौर्य 'सुधीर'  

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