Sweet Sixteen - Hindi Novel कहानी है एक बेहद गरीब और दलित लड़के कुणाल की जो स्नातक की पढ़ाई के लिए शहर आता है। कुणाल के पिता अपने क्षेत्र के हरिजन कोटे के विधायक के घर पे नौकर है इस वजह से कुणाल को बिधायक बिंदर के शहर में मिले खाली पड़े सरकारी आवास में रहने का अवसर मिल जाता है। इस तरह कुणाल भाग्य या दुर्भाग्य से कथित बड़े और रईस लोगो के बीच में पहुँच जाता है।
एक दिन कुणाल को अपने कमरे में किसी 'स्वीट सिक्सटीन' नाम की एक अनजान लड़की का खत मिलता है जो उससे प्यार करती है। अब कुणाल उस लड़की की तलाश बिल्डिंग केम्पस की हर लड़की में करता है और इस तरह वो संजना सचान और वाटिका पांडे नाम की नाम की लड़कियों से टकराता है /संजना अपने दोस्तों में संजू और वाटिका बंटी के नाम से मशहूर है। वक़्त की गर्दिश के चलते कुणाल, संजू और बंटी दोनों से शारीरिक सम्बन्ध बना लेता है। पर वास्तव में संजू जिसके पापा आई. ए. एस. है और बंटी जिसके पापा विधायक है वो दोनों मिसेज रंजना नाम की एक औरत के आर्गनाइजेशन में है। ये आर्गनिजशन औरतो को लड़के और मर्दो को लडकिया सप्लाई करने का काम करता है। एक साजिश के तहत बंटी और संजू, कुणाल को एक औरत मिसेज अंजलि की पास भेज देती है। अब संजम असलियत से वाक़िफ़ होता है। वो मिसेज रंजना के खिलाफ आवाज़ उठाता है। जिसे संजू, कविता के माध्यम से बेकार कर देती है।
कविता कुणाल के दूर के रिश्ते की लड़की है जो शहर में रहती है और उसे पढ़ने में मदद लुबना नाम की लड़की करती है। लुबना ही असल में वो लड़की है जो कुणाल को स्वीट सिक्सटीन नाम से खत लिखती है।
धीरे - धीरे कुणाल और लुबना नज़दीक आते है और लुबना कुणाल को संघर्ष के लिए प्रेरित करती है। कुणाल ज्यो ज्यो विद्रोह करता है मिसेज रंजना की और से दबाने की कोशिश भी तेज होती है। अब रंजना के साथ संजू और बंटी के पापा भी मिल जाते है और गाँव में कुणाल के घर में आग लगाके उसकी बहन मधु का सामूहिक बलात्कार करवाते है। कुणाल गाँव से अपनी बहन को लेकर आता है और लुबना की सहयता से अंतिम संघर्ष करता है।
--सुधीर
एक दिन कुणाल को अपने कमरे में किसी 'स्वीट सिक्सटीन' नाम की एक अनजान लड़की का खत मिलता है जो उससे प्यार करती है। अब कुणाल उस लड़की की तलाश बिल्डिंग केम्पस की हर लड़की में करता है और इस तरह वो संजना सचान और वाटिका पांडे नाम की नाम की लड़कियों से टकराता है /संजना अपने दोस्तों में संजू और वाटिका बंटी के नाम से मशहूर है। वक़्त की गर्दिश के चलते कुणाल, संजू और बंटी दोनों से शारीरिक सम्बन्ध बना लेता है। पर वास्तव में संजू जिसके पापा आई. ए. एस. है और बंटी जिसके पापा विधायक है वो दोनों मिसेज रंजना नाम की एक औरत के आर्गनाइजेशन में है। ये आर्गनिजशन औरतो को लड़के और मर्दो को लडकिया सप्लाई करने का काम करता है। एक साजिश के तहत बंटी और संजू, कुणाल को एक औरत मिसेज अंजलि की पास भेज देती है। अब संजम असलियत से वाक़िफ़ होता है। वो मिसेज रंजना के खिलाफ आवाज़ उठाता है। जिसे संजू, कविता के माध्यम से बेकार कर देती है।
कविता कुणाल के दूर के रिश्ते की लड़की है जो शहर में रहती है और उसे पढ़ने में मदद लुबना नाम की लड़की करती है। लुबना ही असल में वो लड़की है जो कुणाल को स्वीट सिक्सटीन नाम से खत लिखती है।
धीरे - धीरे कुणाल और लुबना नज़दीक आते है और लुबना कुणाल को संघर्ष के लिए प्रेरित करती है। कुणाल ज्यो ज्यो विद्रोह करता है मिसेज रंजना की और से दबाने की कोशिश भी तेज होती है। अब रंजना के साथ संजू और बंटी के पापा भी मिल जाते है और गाँव में कुणाल के घर में आग लगाके उसकी बहन मधु का सामूहिक बलात्कार करवाते है। कुणाल गाँव से अपनी बहन को लेकर आता है और लुबना की सहयता से अंतिम संघर्ष करता है।
--सुधीर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-09-2017) को "सन्तों के भेष में छिपे, हैवान आज तो" (चर्चा अंक 2714) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत धन्यवाद सर।
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