Sunday, 5 June 2016

रेत, पानी और इश्क़ - सुधीर मौर्य



जितना आसान 
उँगलियों से रेत पर 
बेल - बूटे बनाना था
जो उतनी आसानी से 
उँगलियाँ पानी पे 
बेल - बूटे बना पाती 

ओ लड़की !
तो हमारा इश्क़ भी 
मुकममल हुआ होता। 
--सुधीर मौर्य  

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