- अरीबा उपन्यास
- लेखक - सुधीर मौर्य
- Publisher: Aman Prakashan, Kanpur (2017)
- ISBN-10: 9385476963
- ISBN-13: 978-9385476969
- हार्ड बाउन्ड:- २५० रुपय
- पेपरबैक:- १२५ रुपय
- Aman Prakashan104 A / 80 C, RambaghKanpur - 208012Uttar Pradesh (INDIA)
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#अरीबा उपन्यास की एक झलक।
#दिविता:- सुंदरता की अद्भुत मिसाल। मज़हबी कट्टरपंथियों के द्वारा बलात्कार होने के बाद भी वो न सिर्फ खुद को संभालती है बल्कि अपने दलित प्रेमी रूद्र को भी सहारा देती है।
#रूद्र;- एक प्रतिभासंपन्न दलित युवक जो एक स्वर्ण लड़की दिविता से प्रेम करता है। संघर्ष की राह पे उसे शंशांक, दिविता और सहर का साथ मिलता है और वो पुलिस आफिसर बनके दंगो को विफल कर देता है।
#सहर:- उपन्यास की नायिका अरीबा की कजिन जो हर कदम अरीबा से बीस है। चाहे वो सुंदरता हो या फिर बुद्धिमानी। अपने घर की जटिल रावयतो के खिलाफ अरीबा के साथ वो भी संघर्ष करती है।
#समर:- सहर का भाई जो बचपन से अरीबा पे वासना की नज़र रखता है। मज़हबी कटटरता के चलते वो आतंकवादियों से देश और अरीबा का सौदा कर बैठता है।
#शंशांक:- उपन्यास का नायक जिसे अरीबा बेपनाह प्रेम करती है। पर वक़्त और रवायतें अरीबा और शंशांक के बीच एक अभेद दीवार खड़ा कर देती है।
#अरीबा:- अरीबा इस अफ़साने की नायिका होकर भी नायिका नहीं बन पाती। वो कदम दर कदम अपनी आज़ादी की ख्वाहिश लिए समझौते करती है और उसका हर समझौता उसे वापस गुलामी की और धकेल देता है।
उपन्यास के अंत में सहर और शंशांक एक अद्भुत रूप में अरीबा के सामने आते है।
#रूद्र;- एक प्रतिभासंपन्न दलित युवक जो एक स्वर्ण लड़की दिविता से प्रेम करता है। संघर्ष की राह पे उसे शंशांक, दिविता और सहर का साथ मिलता है और वो पुलिस आफिसर बनके दंगो को विफल कर देता है।
#सहर:- उपन्यास की नायिका अरीबा की कजिन जो हर कदम अरीबा से बीस है। चाहे वो सुंदरता हो या फिर बुद्धिमानी। अपने घर की जटिल रावयतो के खिलाफ अरीबा के साथ वो भी संघर्ष करती है।
#समर:- सहर का भाई जो बचपन से अरीबा पे वासना की नज़र रखता है। मज़हबी कटटरता के चलते वो आतंकवादियों से देश और अरीबा का सौदा कर बैठता है।
#शंशांक:- उपन्यास का नायक जिसे अरीबा बेपनाह प्रेम करती है। पर वक़्त और रवायतें अरीबा और शंशांक के बीच एक अभेद दीवार खड़ा कर देती है।
#अरीबा:- अरीबा इस अफ़साने की नायिका होकर भी नायिका नहीं बन पाती। वो कदम दर कदम अपनी आज़ादी की ख्वाहिश लिए समझौते करती है और उसका हर समझौता उसे वापस गुलामी की और धकेल देता है।
उपन्यास के अंत में सहर और शंशांक एक अद्भुत रूप में अरीबा के सामने आते है।
#अमेज़ॉन से प्राप्त करने का लिंक:-
- http://www.amazon.in/Areeba-Sudheer-Mourya/dp/9385476963/ref=sr_1_1?ie=UTF8&qid=1500985190&sr=8-1&keywords=areeba
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