ओ मेरी ज़िन्दगी की कविता लिखने वाली लड़की ! जानती हो तुम्हारी लिखी उदास नज़्मे तो अच्छी लगती हैं पर तुम उदास अच्छी नहीं लगती हो सके तो भोर के नीम उजाले में अपनी मुंडेर लाँघ के मेरी अटारी से अपनी उदास नज़्मो के बदले ज़िन्दगी का एक ख्वाब ले लो। --सुधीर मौर्य
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद सर।
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