न तूं पूरी न मै पूरा
आधी रात का प्यार अधूरा
मॉग कहीं सिन्दूर कहीं
सजती सुहागसेज कहीं
कभी दोस्ती वैर कभी
पति कहीं कौमार्य कही
मन मे कपट आंख मे आंसू
कितने घायल कितने बिस्मिल
तूफान कही कहीं पे साहिल
तूझे मुबारक झूठ तुम्हारा
बस इतना था साथ हमारा.
--सुधीर
न तू पूरी न मैं पूरा..,
ReplyDeleteतू आटे का लड्डू मैं गूंद का चूरा..,
तू हो जा पारा मैं हो जाऊँ बूरा..,
देख तू भी अधूरी मैं भी अधूरा.....
bahut acchi line he mem...
Deleteऎसे लिखते हैं लवलेटर.....
ReplyDeleteji mem me pryas karunga is tarah prem sandesh likhne ka....bahut aabhar...
DeleteBahut sunder prastuti !!
ReplyDeletebahut dhanywad mem...
Deletebahut dhanywad sir
ReplyDelete