Friday, 17 October 2014

डाली: गुड़िआ एक फरेब की - 2

हर किरदार तय है
तेरी कहानी मे
तेरे लिये
खडे है कतार मे
तेरे सारे प्रेमी
हर किसी के पास 
तेरी कहानी का
कोई कोई हिस्सा है
इस कतार मे खडा है
सबसे पीछे
तेरा वो प्रेमी 
जिसे लूटा था 
तुमने कभी अंधेरी रात मे
अपना कौमार्य बेच के.
--सुधीर

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