Thursday, 10 July 2014

लायक (लघुकथा) - सुधीर मौर्य

प्रस्तुत संग्रह से प्रकाशित मेरी एक लघुकथा।
दबंग नेता के दबंग लड़के की बात जब बहुत दिनों तक लड़की ने मानी तो वो उसे जबरन अपने फार्म हाउस पर उठा लाया।
तमाम चिरौरी, एवम लड़की के लाख हाथ पैर जोड़ने के बाद भी दबंग लड़के ने उसका बेरहमी से रैप करते हुए कहा - यही सब मै प्यार से मांग रहा था पर तू मानी।अब आज के बाद तू किसी के लायक नहीं रहेगी।
बलात्कार के बाद दबंग लड़का चैन से सो गया वो अब तक नग्न था। कराहते हुए लड़की उठी पास में ही टेबल पर फल की टोकरी और छुरी थी।
लड़की ने पूरी ताकत से छुरी का वार दबंग लड़के के गुप्तांग पर किया, मांस का एक लोथड़ा छिटक कर दूर जा गिर। लड़का दर्द से तड़प का उठ बैठा।
लड़की मुस्कराते हुए बोली, मै तो फिर भी किसी के साथ सो सकती हूँ पर तू किसी के साथ सोने के ''लायक'' नहीं रहा।
--सुधीर मौर्य


6 comments:

  1. बलात्कारियों के साथ ऐसा ही होना चाहिए |
    नई रचना मेरा जन्म !

    ReplyDelete
  2. चाकू पहले मिलना चाहिये था ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. pahle balatkari avsar de sakta he kya, wo ladki ko balatkar ke bad hi avsar milega..

      Delete