कलम से..
Gazal,Nazm,Stories & Article by Sudheer Maurya
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Sunday, 1 June 2014
आँखे - सुधीर मौर्य
न जाने क्यों
मै जब भी
तुम पर कविता लिखता हूँ
मेरे ख्यालो में
तुम्हारी सहेली की आँखे
चमक जाती है
--सुधीर मौर्य
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