Tuesday 30 December 2014

ओ सुजाता ! - सुधीर मौर्य

सुजाता !
मै तकता हूं तेरी राह
और चखना चाहता हूं
तेरी हाथ की बनी खीर
देख 
मै नही बनना चाहता बुद्ध
नही पाना चाहता कैवल्य
मै तो बस चाहता हूं
छुटकारा
दुखो से अपने
देवी !
दान दोगी मुझे
एक कटोरा खीर का.
-- 
सुधीर मौर्य

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