कलम से..
Gazal,Nazm,Stories & Article by Sudheer Maurya
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Tuesday, 3 December 2013
तुम्हारी आँखे - सुधीर मौर्य
हाँ
तुम
मिली
तो
मुझे
आज
बरसो
बाद
बहुत
कुछ
कहा
भी
पर
न
ये
तुमने
कहा
न
हमने
पूछा
तुम्हारी
आँखे
अब
पहले
जैसी
चंचल
क्यों
नहीं
--
सुधीर
मौर्य
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