कलम से..
Gazal,Nazm,Stories & Article by Sudheer Maurya
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Thursday, 4 December 2014
अक्षर अक्षर याद - सुधीर मौर्य
उसने कहा था
एक दिन
कैसे रखोगे तुम याद मुझको
मेरे गैर होने के बाद
मै लिखता हूँ
अपनी नज़्मों में
उसका ही नाम
खामोश लफ्ज़ो में
और मेरी नज़्में
सबूत है इसका
मैं याद करता हूँ उसे
अक्षर अक्षर।
--सुधीर मौर्य
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