कलम से..
Gazal,Nazm,Stories & Article by Sudheer Maurya
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Wednesday 2 April 2014
बेसबब तूं आसरा देखे - सुधीर मौर्य
मै
पथ्थर
हो
चूका
हूँ
,
बेसबब
तूं
आसरा
देखे
तेरी
हसरत
अधूरी
है
मुझे
तूं
टूटता
देखे
किसी
की
ज़िन्दगी
उनसे
अधिक
खुशहाल
कैसे
है
बहुत
से
लोग
हमने
इसलिए
भी
गमजदा
देखे
मुझे
साहिल
मिला
तो
वो
बहुत
मायूस
रहता
है
वही
जिस
सख्स
की
ख्वाहिस
थी
मुझे
डूबता
देखे
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